अशोक ने मगध के सिंहासन पर बैठने और अपने शासन को मजबूत करने के लिए अपने भाइयों की हत्या की थी। कुछ लोकप्रिय किंवदंतियों के अनुसार, यह घटना बौद्ध धर्म अपनाने से पहले उनके शुरुआती क्रूर व्यवहार को दर्शाती है, जहाँ उन्होंने सत्ता की लालसा में यह कठोर कदम उठाया। राजगद्दी पर बैठने की इच्छा: अशोक मगध का सम्राट बनना चाहते थे, लेकिन उनके पिता बिंदुसार अपने बड़े बेटे सुशीम को उत्तराधिकारी बनाना चाहते थे। सशक्त नेतृत्व की चाह: अशोक अपने भाइयों को अपने रास्ते का काँटा मानते थे, और उनकी हत्या के बाद यह सुनिश्चित हो गया कि उनके शासन को कोई चुनौती नहीं देगा। सत्ता संघर्ष: विभिन्न स्रोतों के अनुसार, यह सत्ता संघर्ष एक लंबा और खूनी सिलसिला था, जिसमें उन्होंने धीरे-धीरे अपने सभी विरोधियों को खत्म किया, जिसमें उनके भाइयों की हत्या भी शामिल थी। शुरुआती क्रूरता: यह घटना अशोक को "चंडाशोक" (क्रूर अशोक) के रूप में चित्रित करती है, जो सत्ता की लालसा में बेरहम था।
Abe 101 kahan likha hai 😂😂😂😂
Whatsapp university se padhe the kya 99 bhai ki hatya fake history hai
अशोक ने मगध के सिंहासन पर बैठने और अपने शासन को मजबूत करने के लिए अपने भाइयों की हत्या की थी। कुछ लोकप्रिय किंवदंतियों के अनुसार, यह घटना बौद्ध धर्म अपनाने से पहले उनके शुरुआती क्रूर व्यवहार को दर्शाती है, जहाँ उन्होंने सत्ता की लालसा में यह कठोर कदम उठाया।
राजगद्दी पर बैठने की इच्छा: अशोक मगध का सम्राट बनना चाहते थे, लेकिन उनके पिता बिंदुसार अपने बड़े बेटे सुशीम को उत्तराधिकारी बनाना चाहते थे।
सशक्त नेतृत्व की चाह: अशोक अपने भाइयों को अपने रास्ते का काँटा मानते थे, और उनकी हत्या के बाद यह सुनिश्चित हो गया कि उनके शासन को कोई चुनौती नहीं देगा।
सत्ता संघर्ष: विभिन्न स्रोतों के अनुसार, यह सत्ता संघर्ष एक लंबा और खूनी सिलसिला था, जिसमें उन्होंने धीरे-धीरे अपने सभी विरोधियों को खत्म किया, जिसमें उनके भाइयों की हत्या भी शामिल थी।
शुरुआती क्रूरता: यह घटना अशोक को "चंडाशोक" (क्रूर अशोक) के रूप में चित्रित करती है, जो सत्ता की लालसा में बेरहम था।