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Credits :
Channel Name : Varanasi Movie
Video Link : https://youtu.be/jDGETw3YAHc
Vlog Channel : youtube.com/vlogsbysuleman
Date: November 15, 2025








Keh rha hu aapk pakistan ke padhai nii karai jati h sahi se 😢😢 eshliye aapko pta nii h ye sbb kya hota h 😢😢jo dikha rhe motion poster me 😢😢plz aap pakistan chhot dijiye qki waha padhai sahi nii h 😢😢 India aa jao bss imandar rahoge tbb bahot kuch sikh jaoge ❤
M B ❤❤
6:30 that statue is of Maa Chhinmasta
something to do altering the historical time points of gods. Using a divine artifact and MR babu is trying to stop the villian.
Pakistan me asi movi bona paege 500 sal legega mere bhai india me hoga
It's not a trailer. These are just a concept art to show the scale and visuals of a movie . No ai is used . Its just cgi &vfx. The movie gonna release in 2027 probably . There is not a single footage is shown in this trailer . It's just a title announcement
React on Anant Singh interview ❤
GOOSEBUMPS…!🔥🔥🔥🔥🔥🔥
⭐ वाराणसी — विश्व का प्रथम नगर (512 CE से लेकर आदिकाल तक का संदर्भ)
(व्याकरण-सम्मत, सरल एवं स्पष्ट हिंदी निबंध)
वाराणसी, जिसे काशी या बनारस भी कहा जाता है, विश्व के सबसे प्राचीन और सतत् बसे हुए नगरों में प्रथम स्थान पर माना जाता है। भारतीय परंपरा के अनुसार यह नगर केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि आदिकाल से ही अस्तित्व में माना जाता है। कहा जाता है कि यह शहर सति-युग में ब्रह्मा द्वारा स्थापित किया गया और तब से लेकर आज तक मानव सभ्यता का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है।
⭐ आदिकाल और युगों का संदर्भ
भारतीय पुराणों के अनुसार मानव सभ्यता का इतिहास चार युगों में विभाजित है—
1. सतयुग
2. त्रेतायुग
3. द्वापरयुग
4. कलियुग
वाराणसी का अस्तित्व सतयुग से माना जाता है। त्रेतायुग, जिसे भगवान श्रीराम का काल कहा जाता है, लगभग 10,000 वर्ष पूर्व माना जाता है। इसी काल में लंका नगरी का अस्तित्व, रावण का राज्य, तथा राम-रावण युद्ध आदि घटनाएँ वर्णित हैं। इस प्रकार, भारतीय धार्मिक इतिहास में वाराणसी का स्थान अत्यन्त प्राचीन और पवित्र है।
⭐ 512 CE में वाराणसी का अर्थ
ऐतिहासिक लेखों में जब “512 CE” लिखा जाता है, तो इसका अर्थ होता है—
👉 Common Era (सामान्य युग) का 512वाँ वर्ष, अर्थात ईसा पश्चात् (A.D.) 512।
यह केवल ऐतिहासिक समय-निर्देशन का तरीका है। इसका यह अर्थ नहीं कि जगत की उत्पत्ति 512 वर्ष पहले हुई थी, बल्कि यह कि मानव इतिहास में 512 CE एक विशिष्ट वर्ष है जिसमें वाराणसी का उल्लेख मिलता है।
वाराणसी के बारे में 512 CE के आसपास भी अनेक ग्रंथों और यात्रावृत्तों में यह वर्णन मिलता है कि यह नगर तब भी शिक्षा, व्यापार, अध्यात्म और संस्कृति का केंद्र था। इस प्रकार यह सिद्ध होता है कि वाराणसी न केवल पौराणिक बल्कि ऐतिहासिक रूप से भी अत्यन्त प्राचीन है।
⭐ वाराणसी के घाट और मणिकर्णिका घाट
वाराणसी के सौ से अधिक घाटों में से मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) सबसे प्राचीन और पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि यह स्थान भगवान विष्णु और भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। मणिकर्णिका घाट को “मोक्ष-स्थली” भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ अंतिम संस्कार होने से आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है—ऐसी मान्यता है।
मणिकर्णिका घाट का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है, और यह भी माना जाता है कि यह घाट हजारों वर्षों से सतत् उपयोग में है। इस प्रकार यह वाराणसी की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को और अधिक दृढ़ करता है।
⭐ निष्कर्ष
वाराणसी केवल भारत का ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का सबसे प्राचीन जीवित शहर माना जाता है।
इसका अस्तित्व सतयुग से बताया गया है,
त्रेतायुग में भी यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक नगर रहा,
और ऐतिहासिक रूप से 512 CE जैसे वर्षों में भी इसका उल्लेख मिलता है।
इस प्रकार वाराणसी का गौरवशाली इतिहास पौराणिक युगों से लेकर आधुनिक काल तक निरंतर जीवित है।
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